This is a song by a lover for the beloved, expressing the eternal wish to spend the rest of their lives together.
Download Mashooqa
Listen online:
Link
Size: 11.5 Megabytes
Format: MP3
Name: Mashooqa
Album: Divine Love
O. S.s: Many
Origin: India
Author: Param Siddharth
Cost: 0.00 Rs.
Copyright: © Param Siddharth 2020
Devices: Many
Length: 5 minutes and 2 seconds
Genre: Classical
Download Mashooqa
Listen online:
Link
Size: 11.5 Megabytes
Format: MP3
Name: Mashooqa
Album: Divine Love
O. S.s: Many
Origin: India
Author: Param Siddharth
Cost: 0.00 Rs.
Copyright: © Param Siddharth 2020
Devices: Many
Length: 5 minutes and 2 seconds
Genre: Classical
Lyrics (Hindi):
कैसी पहेली है !
हालत मेरी यों
ख़राब है ।
कुछ तो ग़लत है
मैंने किया, जो
मुझसे ख़फ़ा है
मेरी माशूक़ा । माशूक़ा !
माशूक़ा ! तेरी बाँहों में
मुझे जीवन बिताना है ।
आया जग में अकेला था मैं,
मुझे तेरे संग जाना है ।
माशूक़ा… ।
दिल बेक़रार मेरा तेरे इंतज़ार में,
फिर भी यह रहना चाहे तेरे इस प्यार में ।
हरेक पल बीते जैसे दिन ४ हों ।
चाहूँ बस इतना लेकिन बैठी मेरे साथ हो
माशूक़ा मेरी ।
माशूक़ा मेरी ! चैन मेरे दिल का चुराके,
माशूक़ा मेरी ! मुझसे यों दूर न जा, ओय !
तेरी ज़रूरत मुझको, तू ही ख़फ़ा है ।
जान से प्यारी मुझको तेरी वफ़ा है ।
मेल यह तेरा-मेरा ख़ूब सफ़ा है ।
नाराज़गी भी कैसी क़ातिल जफ़ा है !
मोह के माफ़िक़ चढ़ी माशूक़ा । माशूक़ा !
माशूक़ा… है ।
है ख़रा कितना इश्क़ मेरा
साक्षी सारा ज़माना है ।
माशूक़ा… है ।
कभी नज़रों में आए तू, माशूक़ा ।
कभी मुझको सताए तू, माशूक़ा ।
कभी दिल बहलाए तू,
कभी साँसें चलाए तू, माशूक़ा ।
कभी मुझे तड़पाए, कभी बाँहों में आए,
कभी चैन चुराए तू, माशूक़ा ।
कैसे बताऊँ मेरे ख़्वाबों में आए क्यों
माशूक़ा मेरी ।
माशूक़ा… ओय !
दिल की ज़ुबान मुख से
बढ़कर कहीं है ।
इश्क़ से बढ़कर ख़ुशियाँ
कहीं भी नहीं हैं ।
कितना कुछ है करना बचा,
सब तुझको बताना है ।
माशूक़ा… है ।
कैसी पहेली है !
हालत मेरी यों
ख़राब है ।
कुछ तो ग़लत है
मैंने किया, जो
मुझसे ख़फ़ा है
मेरी माशूक़ा । माशूक़ा !
माशूक़ा ! तेरी बाँहों में
मुझे जीवन बिताना है ।
आया जग में अकेला था मैं,
मुझे तेरे संग जाना है ।
माशूक़ा… ।
दिल बेक़रार मेरा तेरे इंतज़ार में,
फिर भी यह रहना चाहे तेरे इस प्यार में ।
हरेक पल बीते जैसे दिन ४ हों ।
चाहूँ बस इतना लेकिन बैठी मेरे साथ हो
माशूक़ा मेरी ।
माशूक़ा मेरी ! चैन मेरे दिल का चुराके,
माशूक़ा मेरी ! मुझसे यों दूर न जा, ओय !
तेरी ज़रूरत मुझको, तू ही ख़फ़ा है ।
जान से प्यारी मुझको तेरी वफ़ा है ।
मेल यह तेरा-मेरा ख़ूब सफ़ा है ।
नाराज़गी भी कैसी क़ातिल जफ़ा है !
मोह के माफ़िक़ चढ़ी माशूक़ा । माशूक़ा !
माशूक़ा… है ।
है ख़रा कितना इश्क़ मेरा
साक्षी सारा ज़माना है ।
माशूक़ा… है ।
कभी नज़रों में आए तू, माशूक़ा ।
कभी मुझको सताए तू, माशूक़ा ।
कभी दिल बहलाए तू,
कभी साँसें चलाए तू, माशूक़ा ।
कभी मुझे तड़पाए, कभी बाँहों में आए,
कभी चैन चुराए तू, माशूक़ा ।
कैसे बताऊँ मेरे ख़्वाबों में आए क्यों
माशूक़ा मेरी ।
माशूक़ा… ओय !
दिल की ज़ुबान मुख से
बढ़कर कहीं है ।
इश्क़ से बढ़कर ख़ुशियाँ
कहीं भी नहीं हैं ।
कितना कुछ है करना बचा,
सब तुझको बताना है ।
माशूक़ा… है ।